Tuesday, July 4, 2017

ईश्वर और दोस्ती


ईश्वर को मानते हो?
मेरे मानने या न मानने से उसके होने या न होने का कोई सम्बन्ध नहीं है
सीधा बोलो
बिलकुल सीधा बोल रहा हूँ
और बोलो
कबीर ने कहा था,
"कस्तूरी कुंडल बसे, मृग ढूँढत बन माहि |
ज्यो घट घट राम है, दुनिया देखे नाही |
बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय |
जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय | "
मतलब ?
भला, बुरा, भगवान, शैतान जो भी ढूँढो, सब तुम्हारे अंदर है
फिर तो मानने या न मानने से फर्क पड़ता है?
वो तो है
घुमा के क्यों बोले?
आदत है, मगर तुम सीधा समझी
अच्छा, दोस्ती में यकीन रखते हो?
मेरे यकीन रखने या न रखने...
तुम रहने दो |