.............................................
बादल बन के आ सवंरिया, बादल बन के आ.
बादल क घोड़वा, बदले का दुलहा.
बरसा द पनिया का फुलवा, सवंरिया बादल बन के आ.
तोरी कनिया पियासल बैठल है.
सावन महिना तोहरे बिन तरसल है.
कईसे जिहें तोहार पुतवा, सवंरिया बादल बन के आ.
सावन महिना बीत गईल, जोहत जोहत बाट.
अब कबले अईब तू सजना, जब उठ जई हमार खाट.
सवंरिया बादल बन के आ.