चाँद खामोश क्यों है इतना,
क्या वो सागर की लहरों में खो गया है ?
काश कोई बदल आ जाता, दोनों के बिच में,
मुझे मेरे चाँद की आवाज़ मिल जाती |
बादल भी क्या आया,आते ही बरस गया.
वो भी चाँद के साथ सागर में खो गया |
चाँद तो फ़िर भी वहीं है,
लेकिन कमबख्त बादल, वो तो सागर का ही हो गया |
हलाकि, बादल बह गया है सागर की लहरों में,
लेकिन इंतज़ार है मुझे, सुरज की गरम किरणों का |
ताकि आ जाए वो ( बादल ) ऊपर,
और ढंक ले मेरे चाँद को |
क्या वो सागर की लहरों में खो गया है ?
काश कोई बदल आ जाता, दोनों के बिच में,
मुझे मेरे चाँद की आवाज़ मिल जाती |
बादल भी क्या आया,आते ही बरस गया.
वो भी चाँद के साथ सागर में खो गया |
चाँद तो फ़िर भी वहीं है,
लेकिन कमबख्त बादल, वो तो सागर का ही हो गया |
हलाकि, बादल बह गया है सागर की लहरों में,
लेकिन इंतज़ार है मुझे, सुरज की गरम किरणों का |
ताकि आ जाए वो ( बादल ) ऊपर,
और ढंक ले मेरे चाँद को |