Friday, November 13, 2009

लाइफ झंड बा, फिर भी घमंड बा.

दिन भर काम,
ऑफिस आने जाने में ट्रैफिक,
गाडियों की हौं पौं,
ऊपर से इतना धुआं और धुल...

कुर्सी पे बैठे बैठे,
तन से ज्यादा मन थका हुआ,
किबोर्ड की ठक ठक,
और आँखे सिर्फ कंप्यूटर पे...

नोट तो कमाए,
लेकिन आनंद उठाये, इसके लिए न वक़्त है न शारीर में उर्जा.
फिर भी एक बात कहेंगे भैया,
लाइफ झंड बा, फिर भी घमंड बा.

5 comments:

  1. गा** में दम नहीं, लेकिन हम किसी से कम नहीं ;)

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  2. लाइफ झंड बा, फिर भी घमंड बा.. Wah..

    Mere aur aapke vichar kitne milte julte hain..

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  3. Awesome! Baat me dum ba ! :-)

    Good one... bahut badhiya !

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